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या तो मान ले खता अपनी , नहीं तो देता है जो खुद को ये सज़ा क्या है। ........

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कड़ी धूप में चलना मुश्किल होता है

  कड़ी धूप में चलना मुश्किल होता है पर उससे भी मुश्किल रुक जाना होता है.... कई बार मुश्किल आसूं छुपाना होता है पर उससे भी मुश्किल आंसू दिख जाना होता है...

इकलौती पहचानों से आजाद, सदा खूबसूरत रहेंगे...

 ना ये बसंत फिर आएगा ना ये फूल फिर खिलेंगे ... पर बसंत फिर भी आएगा और फूल फिर भी खिलेंगे.... टूटते बिखरते कुदरत में मिलते,फिर से खिलते रहेंगे .... इकलौती पहचानों से आजाद, सदा खूबसूरत रहेंगे...
 
 

आखिर एक कहानी ही हैं हम...

कितनी कहानियां हमें सुनाई जाती हैं। कैसा होता है साधारण जीवन। क्या होता है आदर्श आचरण । क्या हैं सुख और दुख के कारण । किस को इज्जत मिलती है , और क्या है आम चलन । अपनी किस पहचान की रक्षा करनी , और किस पहचान का दमन । कहानियों को जीते हैं, कहानियों में रहते हैं । कहानियां बनाते हैं, कहानियों से बनते हैं । खुद को कहानी बदलती है और कहानियों को हम । अपनी कहानी बनाने में रखना ख्याल कि , कहीं ये कहानियां बढ़ा तो नहीं रही चिंता और गम । और आखिरी बात यही समझने वाली कि आखिर एक कहानी ही है हम ।

सब बेपर्दा कर दे जो, तुझ सा कोई मासूम कहाँ है ?

तेरी मुस्कराहट सा सुकून कहाँ है ? सब बेपर्दा कर दे जो, तुझ सा कोई  मासूम कहाँ है ? तेरे अश्क़ों से भारी और क्या है ? जो ले चले उड़ा कर रेंगते ज़माने से दूर , तेरे प्यार के सिवा वो सवारी क्या है ? 

इस पौधे को ज़मीन मिली है कितनी प्यारी....

 ज़िन्दगी जितनी हल्की और मौत जितनी भारी। .....  डर जैसी डरावनी और उम्मीद जैसी प्यारी। ........  आंसू जितनी बंद पर्दों में , और मुस्कराहट जितनी दुनिया के आगे सारी। ....  हर बूँद सी समा ली तुमने, इस पौधे को ज़मीन मिली है कितनी प्यारी....  आया तू इंद्रधनुष जैसे , बादलॉ के बाद हर रंग की छवि जीवन में उतारी. .......  fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , flyfreely hindi, shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love

ना चलना आसान ,और रुकना भी मुश्किल...................

ना चलना आसान ,और रुकना भी मुश्किल  ......  एक तरफ़ ये जहाँ सारा , दूसरी तरफ ये दिल।      .......  ********************************************************** बारिश मॅ भीगे ये सूखे पत्ते आज़ाद।  और बारिश में मुस्काते ये हरे पत्ते आबाद।  ********************************************************* टूट जाए इस कदर कि मिट्टी में खो जायें।   बिखर जाए इस तरह कि हर जगह मिल जायें।  ********************************************************** मैं नहीं कहती  कि  हर  कीमत पर मेरे ही बनो। .........  गुज़ारिश बस इतनी है कि वो कीमत इंसानियत से कम न हो। *********************************************  किसी को ख़ुशी मिली , किसी को सुकून। ...  जुदा  होकर भी किसी ख़ास से , हम है पूर्ण। ......  **************************************************************** ... fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , flyfreely hindi, shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love

ये क्या बिखर गया फ़िज़ाओं में। ....

ये क्या बिखर गया फ़िज़ाओं में। ....  ना ख़ुशी न गम रहा  हवाओं में। .... हर पछतावा , हर ख्वाहिश सूखे पत्ते सी उड़ गयी। ....  उम्मीदों  से उम्मीद भी न रही। ...  *************************************************** . . . . . . . . fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , flyfreely hindi, shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love

वो जरिया भी......

  वो जरिया भी , वो मंज़िल भी। .........  वो हर खूबसूरत की ख़ूबसूरती। .................................................................................................................. ******************************************* तुमसे जो सीखी मोहब्बत , दुनिया को खूबसूरत करने में लगायेंगे। ...  तुम भूल जाना हमें , हम इस तरह तुम्हे यादों में बसायेंगे। ....  fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , flyfreely hindi, shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love, 

आवाज़ तो जल्दी चली जाती है........

आवाज़ तो जल्दी चली जायेगी। ......  बात पहुंचे तो कुछ बात है। ...  इज़हार तो फिर भी आसान है।  .........  प्यार हो जाए तो कुछ बात है। ....  हथियारो से तो हरा सकते हो।   बिना लहू बहाये जीत जाओ तो कुछ बात है।   fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , flyfreely hindi, shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love, 

ज़िन्दगी की गिनती शायद घड़ी न कर पाए। .....

  ज़िन्दगी की गिनती शायद घड़ी न कर पाए। .....  जब एक पल रुहानी से नशे का  सदियों पे हावी हो जाए। ........  fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , flyfreely hindi, shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love

मुझे तो आर पार होना है।

क्या दिखना है और क्या दिखाना है। .......    क्या छुपाना और क्या बताना है। .......  ये सहने और कहने की जंग। .....  ये नापतोल बातों की और ये नक़ाबों के रंग। ......  मुझे तो आर पार और साफ़ होना   है। .....  बस खुदा से और खुद से माफ़ होना है।........ ........ ........ (fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , flyfreely hindi, shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love )

भीड़ नहीं , आज़ाद बनेंगे। भेड़ नहीं. शेर बनेंगे। ......

 भीड़ नहीं , आज़ाद बनेंगे।      भेड़ नहीं. शेर बनेंगे।  .. भय और लालच से गुमराह नहीं , अपने सत्य हम खुद परखेंगे।  .. डर और नफरत की चाशनी नहीं , शक्ति और प्रेम का सोमरस चखेंगें।  .. आँख मूँदकर और अहंकार से बँधकर नहीं , हर जायज़ विरोध सुनेंगें और बिना डरे हर बात कहेंगे।   .. सबका स्वागत है , पर अगर कोई साथ नहीं, अपनी राह पर अकेले चलेंगें।  ..  भीड़ नहीं , आज़ाद बनेंगे।      भेड़ नहीं. शेर बनेंगे।  ............................................ .............................................. (fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love )

वो आज़ादी मेरी भी होगी जहाँ तू आज़ाद हो जाए।.............

. मुझे वफ़ा की चाहत है , तेरे वक़्त की ज़रुरत नहीं।  मुझे साथ चाहिए तेरा , तेरे हाथ की हसरत नहीं।  बना सको तो आसमान बना लेना , अपनी जंजीर नहीं।   मुझे तलब है मोहब्बत की ,कोई जी हुज़ूरी की नहीं।  मुझे देना हर वो चीज़ , जिसे देकर तू आबाद हो जाए।  वो आज़ादी मेरी भी होगी जहाँ  तू आज़ाद हो जाए।   (fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love )

ये भगवान का नहीं , भगवान के नाम पर गुलाम बनाता है। .........

ये शब्दों में उलझाता है। लफ़्ज़ों में इतराता है। प्रतीकों को याद और प्रज्ञा को भुलाता जाता है। ये अहंकार है साहब ये भगवान का नहीं , भगवान के नाम पर गुलाम बनाता है। ......................................... (fly ,flyfreely ,flyfreelyhindi , shayari , deep , hindi , poem ,kavita ,love )

जो प्यार होता है वक़्त के पार। ...............

वो भी एक पल था , ये भी एक पल है।  बदल गया हर एक पल में पल।  फिर जायज़ ही है जो बदल गया दिल भी।  अबकी बार उस प्यार पर करेंगे ऐतबार।  जो प्यार होता है वक़्त के पार। 

वो इश्क़ ही क्या जो तुम्हें बदलना चाहे।................

वो इश्क़ ही क्या जो तुम्हें बदलना चाहे। और वो इश्क़ ही क्या जिसमे तुम न बदल जाओ।