कैसा होता है साधारण जीवन।
क्या होता है आदर्श आचरण ।
क्या हैं सुख और दुख के कारण ।
किस को इज्जत मिलती है ,
और क्या है आम चलन ।
अपनी किस पहचान की रक्षा करनी ,
और किस पहचान का दमन ।
कहानियों को जीते हैं, कहानियों में रहते हैं ।
कहानियां बनाते हैं, कहानियों से बनते हैं ।
खुद को कहानी बदलती है और कहानियों को हम ।
अपनी कहानी बनाने में रखना ख्याल कि ,
कहीं ये कहानियां बढ़ा तो नहीं रही चिंता और गम ।
और आखिरी बात यही समझने वाली कि
आखिर एक कहानी ही है हम ।
और आखिरी बात यही समझने वाली कि
आखिर एक कहानी ही है हम ।

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