इज़ाज़त है की रो ले तू , पर ये दिन रात का तड़पना क्या है।
या तो मान ले खता अपनी , नहीं तो देता है जो खुद को ये सज़ा क्या है।
सोचता है एक साथ हज़ारों सवाल , आखिर तू खुद को समझता क्या है।
मैं तो हूँ तेरे सब से करीब , मुझे न सुन ने की वजह क्या है।
दिल ए नादान तुझे हुआ क्या है , आखिर इस दर्द की दवा क्या है। ............................
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क्या बात 👌👌
जवाब देंहटाएंThankyou Dear
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