ज़िन्दगी जितनी हल्की और मौत जितनी भारी। .....
डर जैसी डरावनी और उम्मीद जैसी प्यारी। ........
आंसू जितनी बंद पर्दों में , और मुस्कराहट जितनी दुनिया के आगे सारी। ....
हर बूँद सी समा ली तुमने, इस पौधे को ज़मीन मिली है कितनी प्यारी....
आया तू इंद्रधनुष जैसे , बादलॉ के बाद हर रंग की छवि जीवन में उतारी. .......
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